हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, किरमानशाह में सरकारी अधिकारियों के एक समूह, जिसमें छात्रों, विद्वानों और विभिन्न संस्थानों का प्रतिनिधित्व किया गया था, ने ईरानी सेना को आतंकवादी घोषित करने की यूरोपीय संघ के घृणित कदम की कड़ो शब्दों में निंदा की है।
हुज्जतुल इस्लाम जलिलियान ने रजब के महीने के गुणों का वर्णन करते हुए कहा कि सिपाहे पासदाराने इंक़लाब, विलायते फ़क़ीह का बाज़ू और इमाम राहिल (रा) का स्मारक हैं। इस अवामी और खादिम सेना ने इस्लामी गणराज्य ईरान के विभिन्न विभागो मे बहतरीन भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि जब दुश्मन ने इस्लामी प्रणाली की उपलब्धियों की सुरक्षा और संरक्षण में इस्लामी क्रांति की शक्ति को देखता है। तो वह इस तरह के घृणित कार्य करता है।